8TH SEMESTER ! भाग- 76( Night Class With Deepika Mam-3)
"नो...."वो फर्श पर इतराते हुए बोली
"वो क्यूँ...."
"मेरा समान है, मेरी मर्ज़ी..."
"ओके..."
उसके बाद मैने उनको हाथो मे पकड़ कर दीपिका मैम की तरफ देखा....वो हवस की पुजारीन मेरी इस हरकत से बहुत खुश हो रही थी और उसकी ये खुशी उसकी आँखो मे मैं सॉफ देख सकता था....मैने पूरी ताक़त लगा दी और तभी एक जोरदार तमाचा मेरे गाल पर आकर लगा....
"ईडियट...."
"तेरी माँ की...."गाल पर होते जलन को सहते हुए मैं खुद मे बड़बड़ाया और फिर से वही हरकत की... जब action सेम था तो reaction भी सेम होना था... दीपिका मैम ने फिर से मुझे तमाचा जड़ने के लिए अपना हाथ उठाया.. लेकिन अबकी मैने उनके हाथ को पकड़ा और मरोड़ दिया....और उसी वक़्त उन्होने अपने दूसरे हाथ से मुझे मारने की कोशिश की... और जब action सेम था तो reaction भी सेम होना था... नतीजा पहले वाले हाथ की तरह था.... मैने उनके दोनों हाथो को अपने हाथो से कैद कर लिया था... अब वो एकदम असहाय मेरे सामने पड़ी हुई थी... जिसके साथ मै जो चाहता वो कर सकता था.
"छोडो प्लीज..."आँखो मे दर्द लिए हुए वो बोली
उसके दर्द से कराहने के बाद मैं दूसरी तरफ देखने लगा तो वो फिर से बोली"अरमान...leave me, pleeaasssee! "
"नोप...."
"अरमान, प्लीज ..."
"एक शर्त पर छोड़ूँगा...."
"कैसी शर्त,..."
"तुम मुझसे ये बोलो कि अरमान मैने तुम जैसा हैंडसम, ब्रिलियेंट, हार्डकोर लड़का...आज तक नही देखा... तुम पुरुष ही नहीं, युग पुरुष हो..."
"ठीक है... अरमान, मैने आज तक तुम जैसा हॅंडसम ,ब्रिलियेंट और.....आगे क्या था"
"हार्डकोर ."
"हार्डकोर लड़का नही देखा..."
"थैंक यू मैम ...मैने भी आप जैसी दुधारू लड़की आज तक नही देखी...."बोलते हुए मैने उनके दोनो हाथो को छोड़ दिया ,
"दिमाग़ खराब है क्या तुम्हारा...किसी लड़की के साथ कोई ऐसे बिहेव करता है क्या..."मेरे द्वारा हाथ छोड़ने के बाद अपना हाथ सहलाते हुए वो बोली
"It's Apun's Style... Bitch 😎"
लड़कियो की बक-बक करने की आदत बहुत भयंकर होती है, यदि लड़के कर्मयोगी ना हो तो लड़किया सुहागरात को भी बक-बक करके सारी गुज़ार दे और इस वक़्त मुझे ऐसा ही कुछ महसूस हो रहा था... मैं ये नही चाहता था कि सूरज देवता सुबह दस्तक दे दे और मैं दीपिका मैम के केवल होंठ चूस कर निकल जाउ... इसलिए दीपिका मैम कि ना -नुकुर करने के बावजूद मैने अपना कार्य आगे बढ़ाया...
"मैं सोच रहा था कि यदि ये ये सुख आप मुझे रोज दे तो..???.आहहहह"मैने मुस्कुराते हुए कहा....
"उसके लिए तो तुम्हे मेरा बॉयफ्रेंड बनना पड़ेगा... और मेरे जितने आशिक, दीवाने है.. सबसे मेरे लिए लड़ना होगा..."
"ओह ! ऐसा क्या.."
उसके बाद मैं और दीपिका मैम उठ खड़े हुए, दीपिका मैम का गोरा जिस्म अब भी पूरी तरह मेरी आँखो के सामने था, उंसके जिस्म के इस दीदार से एक वक़्त के लिए जैसे मैं भूल ही गया कि वो हवस की पुजारीन है.... और यदि वो है भी तो मुझे कौन सा उसके साथ शादी करनी है....? मुझे भी तो अपनी हवस ही उतारनी है... जैसे मैं उसके लिए एक सेक्स ऑब्जेक्ट था.. वैसे वो भी मेरे लिए... श्री अरमान, फालतू कि चीजों मे नहीं पड़ते... इसलिए मुझे उस वक़्त कोई फ़र्क नही पड़ रहा था की उसने आज तक 10 का लिया होगा या फिर 100 का.... वो बस मेरा ले ले...
"आइ आम रेडी..."उसने मुझे कसकर पकड़ा और खुद से सटा कर मेरे होंठो को बुरी तरह जकड़ लिया और मैने भी उसके होंठो को कसकर जकड़ा
वैसे तो मेरी दिली-इच्छा थी कि मैं दीपिका मैम को उठा-उठा कर...लिटा-लिटा कर ,हार्ड कोर स्टाइल मे प्यार करू ...और मैने अभी तक ऐसी कोशिश भी की थी..लेकिन हर बार दीपिका मैम को वो नापसंद ही आता,इसलिए मुझे महसूस होने लगा कि कही वो गुस्सा होकर ,मेरे सारे अरमानो पर पानी ना फेर दे...और वैसे भी जब फ्री मे इतनी मस्त आइटम मिले तो ज़्यादा वेराइटी नही देखनी चाहिए....
"मैं भी तैयार हूँ..."बोलते हुए मैं दीपिका मैम के पीछे खड़ा हो गया, वो पलट कर कुछ कहती या फिर कुछ करती उससे पहले ही मैने दीपिका मैम को पीछे से अपनी बाहो मे भर लिया "एक बात कहूँ...?मैम ..."
"यस..."
"मुझे बहुत दिन से इंतज़ार था इस पल का...शायद तब से जब मेरी पहली नज़र आप पर पड़ी थी...यू आर टू हॉट,.. मैने आप जैसी गच्च माल आज तक नहीं देखी... मतलब एक दम कर्री माल हो आप....."
"सच..?.."अपनी तारीफ सुनकर जैसे दूसरी लड़किया मचल जाती है ,वैसे ही वो भी मचल उठी..और मेरे हाथ मे अपने हाथ डालते हुए बोली"खुद को बहुत चालाक समझते हो..."
"अजी, आपके आगे तो हम एक दम नौसीखिया है..."
"ये अचानक क्या हो गया तुम्हे..."अपने हाथो से मेरे हाथ को सहलाते हुए दीपिका मैम ने पुछा....
"मैने सोचा कि...पता नही क्या सोचा, बस दिल ने कहा और मैने कर दिया..."
"मुझे यही और ऐसे ही लड़के पसंद है...."
"मतलब कि मैं पसंद आया..."उसके हाथो को दूर करके उसके कमर
.
मैं दीपिका मैम से अब शराफ़त से पेश आ रहा था और इसकी सिर्फ़ एक ही वजह थी कि मैं उसे जल्द से जल्द ठोकना चाहता था...मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था और वो थी कि इधर-उधर अन्य तरह के क्रियाकालाप से टाइम पास कर रही थी....इसीलिए मैं उनसे एक दम प्यार से बात करने लगा....वैसे तो ये मेरी किसी लड़की के साथ फर्स्ट नाइट थी और इस काम मे मैं वकाई मे दीपिका मैम के सामने एक नौसीखिया था...लेकिन गूगल महाराज की कृपा से थोड़ा बहुत तो मैं जानता ही था...मैने कई ब्लॉग्स "फर्स्ट टाइम सेक्स" के बारे मे पढ़ा था...और जैसे किसी सब्जेक्ट का नोट्स हम बनाते है,वैसे ही "फर्स्ट टाइम सेक्स" का भी मैने नोट्स बनाया था.... वैसे सेक्स कहानियाँ भी अजीब होती है पता नही कैसे लोग एक बार मे ही ट्रेन, बस मे लड़की को पटाकर बिस्तर पर ले आते हैं
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"रुक क्यूँ गये....डियर अरमान..."लगभग सिसकते हुए दीपिका मैम बोली, गूगल महाराज की कृपा दृष्टि पर मैं इतना खो गया था भूल ही गया कि.. वास्तविकता मे मै यहाँ हूँ
"डियर अरमान....?? काफ़ी स्पीडली प्रोग्रेस हो रही है मेरी इज़्ज़त मे"इसके साथ ही मैने दीपिका मैम के अंगों मे हलचल फिर से शुरू कर दी
"मैम, मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है..."
"अजीब ? "
"सही बताऊ तो मैं थोड़ा नर्वस हूँ मैम ,..."
"क्लास टीचर की तरह ही तुम मुझे अपना सेक्स टीचर मान लो..."
"वो सब तो ठीक है,लेकिन मैं सच मे थोड़ा नर्वस हूँ...बोले तो अपुन की फट रेली है.. कि कही आप प्रेग्नेंट -वेग्नेंट ना हो जाओ और फिर अपना पेट फुला कर ममुझसे शादी करने कि जिद करने लगो...खैर कोई बात नही..."
"Lol.. ऐसा कुछ भी नहीं करने वाली मै......चलो बेड पर चलते है..."बोलते हुए दीपिका मैम बेडरूम की तरफ बढ़ी और उनके पीछे -पीछे मैं भी बेडरूम की तरफ बढ़ा....